What is Assets in Tally ERP.9 | E-Academy with Vishal Sir

Assets-

Assets include all those things which are used permanently or temporarily for a long period of time for carrying on the business and for profit, and help in carrying on the business; Like- Land, Building, Machine, Cash, etc.

 सम्पत्तियां (Assets)- 

सम्पत्तियों में वे सब वस्तुएं आती है जो स्थायी या अस्थायी रूप से बहुत समय तक व्यापार को चलाने एवं लाभ के लिए प्रयोग की जाती है, एवं व्यापार चलाने में सहायता करती है; जैसे- भूमि (Land), भवन (Building), मशीन (Machine), रोकड़ (Cash), आदि I सम्पत्तियां निम्नप्रकार की होती है-

The properties are of the following types-

1.      Fixed Assets (स्थायी सम्पत्ति)

2.      Current Assets (चालू सम्पत्ति)

3.      Tangible Assets (मूर्त सम्पत्तियां)

4.      Intangible Assets (अमूर्त सम्पत्तियां)

5.      Intangible Assets (क्षयशील सम्पत्तियां)

6.      Liquid Assets (तरल सम्पत्ति)

 

A) Fixed Assets -

Fixed assets mean those assets which are to be kept in business for a long time and which are not for resale. Example- Land, Building, etc.

स्थायी सम्पत्ति (Fixed Assets)- 

स्थायी संपत्तियों से आशय उन सम्पतीयो से है जो व्यवसाय में दीर्घकाल तक रखी जाने वाली होती है और जो पुन: बिक्री के लिए नही है I उदाहरण- भूमि (Land), भवन (Building), आदि I

B) Current Assets - 

Current assets mean those assets which are kept for resale or for conversion into cash in the short term. That's why they are called Current Assets, Fluctuating Assets, or Circulating Assets.

Example- Bill Receipt, Stock, Debtors, Cash, Prepaid charges etc.

चालू सम्पत्ति (Current Assets)- 

चालू संपत्तियों से आशय उन सम्पत्तियों से है जो पुन: बिक्री के लिए या अल्पावधि में रोकड़ (Cash) में परिवर्तन के लिए रखी जाती है I इसलिए इन्हें चालू सम्पत्तियां (Current Assets), परिवर्तनशील सम्पत्तियां (Fluctuating Assets), या चक्रिय सम्पतीयां (Circulating Assets) कहते है

उदाहरण- प्राप्त बिल (Bill Receipt), स्टॉक (Stock), देनदार (Debtors), रोकड़ (Cash), पूर्वदत्त व्यव (Prepaid charges) इत्यादि I

C) Tangible Assets - 

Tangible assets are those assets which can be seen or touched i.e. which have physical existence. 

Example- Land, Building, Machine, Cash, Stock, Plant etc.

मूर्त सम्पत्तियां (Tangible Assets)- 

मूर्त सम्पत्तियां वो सम्पत्ति है जिन्हें देखा या छुया जा सकता है अथार्थ जिनका भौतिक अस्तित्व (Physical Existence) हो

उदाहरण- भूमि (Land), भवन (Building), मशीन (Machine), रोकड़ (Cash), स्टॉक (Stock), संयंत्र (Plant) आदि I

D) Intangible Assets - 

Intangible assets are those assets which do not have physical existence but have monetary value. 

Such as reputation, patents, copyrights, trademarks etc.

अमूर्त सम्पत्तियां (Intangible Assets)- 

अमूर्त सम्पत्तियां वे सम्पत्तियां है जिनका भौतिक अस्तित्व नही होता है किन्तु मौद्रिक मूल्य होता है I

जैसेख्याति, पेटेन्ट्स, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क इत्यादी I

E) Intangible Assets - 

Perishable assets are those assets which decrease or get destroyed due to use or consumption, such as Mines, Oil wells etc.

क्षयशील सम्पत्तियां (Intangible Assets)- 

क्षयशील सम्पत्तियां वे सम्पत्तियां है जो प्रयोग या उपभोग के कारण घटती या नष्ट होती जाती है I

जैसे- खाने (Mines), तेल के कुएं (Oil wells) इत्यादि I

F) Liquid Asset - 

Liquid assets are those current assets which are either in the form of cash or cash or which can be quickly converted into cash. Liquid assets are not deducted in stock.

(Current Assets – Stock = Liquid Assets)

Example – Cash, Cash in Bank, Bills Receivable, Short term investment etc.

तरल सम्पत्ति (Liquid Assets)- 

तरल सम्पत्तियां वे चालू सम्पत्तियां है जो या तो नगद या रोकड़ के रूप में है या जिन्हें शीघ्र नगद में बदला जा सकता है I तरल सम्पतीयों को स्टॉक (Stock) में घटाया नही जाता है

इस प्रकार, (चालू सम्पत्तियांस्टॉक = तरल सम्पतीयां

उदाहरणरोकड़ (Cash), बैंक में रोकड़ (Cash in Bank), प्राप्य बिल (Bills Receivable), अल्पकालीन निवेश (Short term investment) आदि I

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