Account-
When the transactions related to any goods, services or a particular person
are written by sorting them at one place, then it is called the account of that
good, service or person, just as all the transactions related to a person are
recorded at one place. Similarly, when all the transactions related to property
are recorded in one place, it is called property account, etc.
Every account
has two sides; One left and the other right. The left side is called debit and
the right side is called credit. There are two types of accounts: personal and
impersonal.
खाता (Account)-
जब किसी वस्तु, सेवा या व्यक्ति विशेष से सम्बंधित सौदे एक स्थान पर छांटकर लिखे जाते है, तो यह उस वस्तु, सेवा या व्यक्ति का खाता कहलाता है, जैसे किसी व्यक्ति से सम्बंधित सारे व्यवहारों का एक स्थान पर लेखा करना उसका खाता कहा जाता है । उसी तरह जब सम्पत्ति से सम्बंधित सारे व्यवहारों को एक जगह लिखा जाता है तो उसे सम्पत्ति खाता कहा जाता है, इत्यादी I
प्रत्येक खाते के दो पक्ष होते है; एक बांया और दूसरा दांया । बांये पक्ष को डेबिट और दांये पक्ष को क्रेडिट कहा जाता है I खाते दो प्रकार के होते है : व्यक्तिगत एवं अव्यक्तिगत ।
(1.) Personal
Account
Personal account means the
account which is opened for the transactions related to any particular person,
firm, institution, company or corporation, etc., such as Sharad's account,
Swadeshi Limited's account, Sunder Lal & Sons account and Corporation.
Account etc.
(1.) व्यक्तिगत खाता (Personal Account)-
व्यक्तिगत खाता का आशय उस खाते से है जो किसी व्यक्ति विशेष, फर्म, संस्था, कम्पनी या निगम, आदि से सम्बंधित व्यवहारों के लिए खोला जाता है, जैसे- शरद का खाता, स्वदेसी लिमिटेड का खाता, सुन्दर लाल एण्ड सन्स का खाता और निगम का खाता आदि ।
(2.) Impersonal
Account
Those accounts which are
not in the name of any person, firm, institution, company and corporation but
are related to the business are called impersonal accounts. It has two parts:
real account and nominal account or non-real account.
(2.) अव्यक्तिगत खाता (Impersonal Account) –
वे खाते जो किसी व्यक्ति, फर्म, संस्था, कम्पनी व निगम के नाम पर नहीं, परन्तु व्यसाय से समबन्धित होते है, अव्यक्तिगत खाते कहे जाते है ।
इसको दो भाग है :
(1)
वास्तविक खाता एवं नाममात्र का खाता
(2)
अवास्तविक खाता ।
(A.) Real
Account
The accounts relating to
property or rights are called real accounts; E.g. Building Account, Cash Account,
Furniture Account, Plant and Machinery Account and Appropriation Account, etc.
अ. वास्तविक खाता (Real Account)-
सम्पत्ति या अधिकारों से सम्बन्धित खातों को वास्तविक खाता कहा जाता है;
जैसे- भवन खाता, रोकड़ खाता, फर्नीचर खाता, प्लाण्ट एण्ड मशीनरी खाता तथा विनियोग खाता, आदि।
(B.) Nominal Account
All accounts relating to profit and loss and income and
expenditure are called non-real accounts; E.g. Salary Account, Deduction
Account, Rent Account and Interest Account, etc.
(B.) नाममात्र का खाता या अवास्तविक खाता (Nominal Account)-
लाभ-हानि व आय-व्यय से सम्बन्ध रखने वाले सभी खातों को अवास्तविक खाता कहा जाता है;
जैसे- वेतन खाता, कटौती खाता, किराया खाता एवं ब्याज खाता, आदि।